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मैं धीरे धीरे चलने का वादा करता हूँ महीका, क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम कुम्बारी हो।
भूल जाओ रमेश, मैं सारा दिन तुम्हारा लंड अपने अंदर महसूस करने के लिए तरपती रही हूँ।
मेरी दुलहन तुम संतुष्ट होने की हकडार हो।
अब मुझसे जानवर की तरह प्यार करो, मैं पूरी जिन्दगी इस मुर्गे का इंतिजार कर रही थी, तुम सेक्स में उससे भेथर हो जितना मैंने कभी सोचा था।
महिलाओं को खुश करना मेरे लिए स्वाभाविक है, लेकिन मैं तुम्हें चेतावनी देना चाहता हूँ कि अब तुम मेरे लंडकी गुलाम हो।